Saturday, October 26, 2019

समय लेकर शरीर और दिमाग की सुन रहे धोनी

खेल डेस्क. इस वक्त भारतीय क्रिकेट से जुड़े सबसे बड़े सवालों में से एक है- महेंद्र सिंह धोनी का भविष्य। हाल के दिनों में भारतीय क्रिकेट के तीन अहम लोगों से इस मामले में तीन अलग तरह के बयान सुनने को मिले। चीफ सिलेक्टर एमएसके प्रसाद ने कहा- हम धोनी से आगे का सोच रहे हैं। बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा- चैम्पियंस इतनी जल्दी खत्म नहीं होते। कोच रवि शास्त्री बोले- जो लोग धोनी की बुराई कर रहे हैं, वे धोनी के जूते के फीते बांधने की भी हैसियत नहीं रखते। प्रसाद के बयान से लग रहा कि चयनकर्ता अब नया विकेटकीपर तैयार करने का मन बना चुके हैं। वहीं गांगुली और शास्त्री के बयान से लग रहा कि अभी धोनी के लिए रास्ते बंद नहीं हुए हैं।

दरअसल फिलहाल सारी कवायद अगले साल होने वाले वर्ल्ड टी-20 के लिए टीम तैयार करने की है। टीम मैनेजमेंट ने वर्ल्ड कप के बाद साफ कर दिया था कि वे ऋषभ पंत को ग्रूम करना चाहते हैं। पंत को इस बीच लगातार मौके भी दिए गए, लेकिन वे अपने प्रदर्शन से भरोसा नहीं जगा पाए हैं। संजू सैमसन को बांग्लादेश के खिलाफ टी-20 सीरीज के लिए टीम में शामिल किया गया है। उन्हें भी खुद को साबित करना बाकी है। ऐसे हालातों में धोनी जैसे विकेटकीपर-बल्लेबाज का विकल्प बना रहना वर्ल्ड टी-20 के लिहाज से टीम मैनेजमेंट में पैनिक की स्थिति नहीं बनने देगा।

‘धोनी इस उम्र में भी देश के सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक हैं’
अब बात धोनी की। उम्र और खेल से दूरी, ये दो फैक्टर उनके पक्ष में नहीं हैं। टी-20 को युवाओं का खेल माना जाता है और धोनी अगले साल वर्ल्ड टी-20 तक 39 साल के होंगे। वहीं वर्ल्ड कप सेमीफाइनल के बाद से धोनी लगातार क्रिकेट से दूर बने हैं। बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में भी वे नहीं खेलेंगे। उनके पक्ष में जो बात है, वो है फिटनेस। वे इस उम्र में भी देश के सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक हैं। अगर वे इसी फिटनेस को बरकरार रखते हुए एक बार फिर मैदान पर उतरकर खुद को साबित कर पाए, तो उन्हें नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा।


‘धोनी आईपीएल में देखेंगे कि वे किस तरह फिट हैं’
एक बात तो तय है- अगर धोनी खुद को वर्ल्ड टी-20 खेलने के लिए तैयार करना चाह रहे हैं तो उन्हें अब मैदान पर उतरना ही होगा। अगर वे रिटायरमेंट प्लान पर कोई बात नहीं करते हैं और मैदान से भी दूर रहते हैं, तो स्थिति असमंजस वाली ही बनी रहेगी। मुझे लगता है कि धोनी फिलहाल समय लेकर अपने शरीर और दिमाग की बात सुन रहे हैं। मुमकिन है कि वे पूरी तरह फिट होकर जनवरी-फरवरी से मैदान पर उतरें, आईपीएल खेलकर ये देखें कि अब वे टी-20 में किस तरह फिट हैं। फिर उनके और बाकी दावेदारों के प्रदर्शन के आधार पर भारतीय टीम का आगे का रोडमैप तय हो।



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Ayaz Memon Analysis on Mahendra Singh Dhoni future


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