खेल डेस्क. बांग्लादेश की टेस्ट और टी20 टीम के कप्तान शाकिब अल हसन पर दो साल का बैन लगाने के बाद आईसीसी ने बुकी दीपक अग्रवाल के साथ हुई उनकी वॉट्सएप चैट का विस्तृत ब्यौरा भी जारी कर दिया। आईसीसी की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक बुकी ने साल 2017 में बांग्लादेश प्रीमियर लीग के दौरान पहली बार शाकिब से संपर्क किया था। इसके बाद से ही वे लगातार उस बुकी के संपर्क में थे।
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बांग्लादेश प्रीमियर लीग में शाकिब 'ढाका डायनामाइट्स' टीम की ओर से खेल रहे थे। इसी दौरान बुकी दीपक अग्रवाल को किसी व्यक्ति के जरिए शाकिब का नंबर मिला। अग्रवाल ने इसी व्यक्ति को लीग में खेल रहे खिलाड़ियों के नंबर की व्यवस्था करने के लिए कहा था।
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त्रिकोणीय श्रृंखला(बांग्लादेश, श्रीलंका और जिम्बाब्वे) के एक मैच में बांग्लादेश ने श्रीलंका को हराया और शाकिब 'मैन ऑफ द मैच' बने। जिसके बाद उन्हें बधाई देने के बहाने से बुकी ने उन्हें एक मैसेज करते हुए पूछा, 'क्या हम इसमें साथ काम कर सकते हैं या मुझे आईपीएल तक इंतजार करना होगा।' यहां पर 'काम' से उसका मतलब अंदर की खबरें देने से था।
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शाकिब को बुकी दीपक से एक और मैसेज मिला, जिसमें उसने लिखा था, 'भाई क्या इस सीरीज से कुछ मिलेगा?' शाकिब के मुताबिक यहां पर भी बुकी ने उनसे त्रिकोणीय सीरीज से जुड़ी जानकारी मांगने की कोशिश की। हालांकि इस बार भी उन्होंने इस बात की जानकारी एसीयू या किसी अन्य एंटी करप्शन ऑथोरिटी को नहीं दी।
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आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद टीम की टीम से खेल रहे शाकिब से एकबार फिर बुकी ने संपर्क किया। किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ होने वाले मैच से पहले शाकिब को बुकी का मैसेज मिला, जिसमें उसने एक विशेष खिलाड़ी के मैच में खेलने या नहीं खेलने के बारे में सवाल पूछा।
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अप्रैल 2018 में हुई बातचीत के दौरान अग्रवाल ने शाकिब से बिटकॉइन और डॉलर का जिक्र करते हुए उनके अकाउंट की जानकारी भी मांगी। जिसके बाद शाकिब ने कहा कि वो पहले उससे मिलना चाहते हैं। शाकिब के मुताबिक इस वक्त उन्हें महसूस हुआ कि दीपक धूर्त है और उसकी बातचीत से उसके बुकी होने का शक हुआ।
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आईसीसी की एसीयू (एंटी करप्शन यूनिट) को 26 अप्रैल 2018 को दोनों के बीच हुई बातचीत के कई सारे मैसेज डिलीट भी मिले। इस बारे में शाकिब ने बताया कि डिलीट किए गए इन मैसेजेस में अग्रवाल की ओर से अंदर की जानकारी मांगी गई थी।
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इतना सब होने के बाद भी शाकिब ने दीपक अग्रवाल द्वारा संपर्क किए जाने की कोई जानकारी ना तो बीसीबी को और ना ही आईसीसी की किसी एंटी करप्शन यूनिट को दी। हालांकि जांच के दौरान शाकिब ने एसीयू को बताया कि उन्होंने बुकी की ओर से मिले किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया और ना ही उसे किसी तरह की कोई जानकारी दी। इसके साथ ही शाकिब ने ये भी कहा कि उन्होंने बुकी से कभी किसी तरह का पैसा या अन्य तरह का उपहार भी नहीं लिया।
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