खेल डेस्क. कनाडा के फुटबॉलर अल्फोंसो डेविस पिछले एक साल में जर्मन क्लब बायर्न म्यूनिख के टॉप खिलाड़ी बनकर उभरे हैं। 18 साल, 4 महीने, 15 दिन की उम्र में पहला गोल कर वे क्लब की ओर से गोल करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन चुके हैं। इस साल हुए 10 मैच में भी उनके नाम दो गोल दर्ज हो चुके हैं। अल्फोंसो का फुटबॉल करियर जितने रोमांचक अंदाज में आगे बढ़ रहा है, उनकी कहानी भी उतनी ही रोचक और संघर्षपूर्ण रही है। अल्फोंसो का जन्म 2000 में एक रिफ्यूजी कैंप में हुआ था।
दूसरे लाइबेरियन गृहयुद्ध में उनका परिवार बुरी तरह प्रभावित हुआ था। जब अल्फोंसो पांच साल के थे, तब माता-पिता उन्हें लेकर कनाडा पहुंचे और वहां रिफ्यूजी के तौर पर शरण ली। अल्फोंसो ने छह साल की उम्र में फुटबॉल खेलना शुरू किया और 14 की उम्र में वैंकुवर व्हाइटकैप्स से जुड़े। 17 की उम्र में अल्फोंसो को बायर्न म्यूनिख ने 95 करोड़ रुपए में खरीदा। वे बायर्न म्यूनिख की ओर से गोल करने वाले पहले कनाडाई इंटरनेशनल खिलाड़ी भी हैं।
बड़े खिलाड़ियों ने फॉलो किया तो खुशी हुई: अल्फोंसो
अल्फोंसो ने कहा, ‘2017 में मैं बायर्न म्यूनिख से जुड़ा था। पहली बार मैं ड्रेसिंग रूम में गया तो सामने दिग्गज फुटबॉलर अर्जेन रॉबेन खड़े थे। वे मेरे पास आए और हाथ मिलाते हुए कहा- मैं अर्जेन। मैंने मन में ही सोचा कि आपको अपना परिचय देने की कोई जरूरत नहीं है। फिर जब मैंने पहली बार म्यूनिख की जर्सी के साथ एक पोस्ट इंस्टाग्राम पर शेयर किया, तो अगले ही दिन देखा कि फुटबॉल की दुनिया के तमाम बड़े-बड़े नामों ने मुझे फॉलो किया है।’
उन्होंने कहा, ‘पहले तो मुझे लगा कि ये कोई फेक अकाउंट होंगे, लेकिन उन सब नामों के आगे ब्लू टिक था। तब जाकर यकीन हुआ। उस वक्त मुझे बहुत खुशी हुई। सारे नामों को मैंने फॉलो बैक भी कर दिया। सच कहूं तो इन तीन साल में जिन-जिन फुटबॉलर्स से मेरा वास्ता हुआ है, उनसे बात करने का कभी मैंने सोचा भी नहीं था। अब मेरा ध्यान बस अपने खेल पर है। मुझे फील्ड पर मानसिक मजबूती और ऑन फील्ड फैसले लेने की क्षमता पर काम करना है।’
द. अफ्रीका की ताजमीन चैम्पियन एथलीट थीं, अब इंटरनेशनल क्रिकेटर
दक्षिण अफ्रीका की ताजमीन ब्रिट्स 28 साल की हैं। 2018 में ही उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर डेब्यू किया है, लेकिन खेल की दुनिया में 15 साल से भी ज्यादा वक्त से एक्टिव हैं। ताजमीन अफ्रीका की नेशनल लेवल की एथलीट रह चुकी हैं। 2012 में वे सड़क हादसे की शिकार हो गईं। ताजमीन का चलना तक दूभर हो गया था। रीढ़ की हड्डी पर चोट लगी थी। पर उन्होंने रिकवरी की और फिर जेवलिन थ्रो के करिअर को छोड़ क्रिकेट को अपनाया।
ताजमीन 14 अंतरराष्ट्रीय टी-20 खेल चुकी हैं
ताजमीन द. अफ्रीका के लिए 14 टी-20 खेल चुकी हैं। फिलहाल दक्षिण अफ्रीका की टीम टी-20 और वनडे सीरीज खेलने भारत आई है, जिसमें ताजमीन भी शामिल हैं। हादसे से पहले ताजमीन जेवलिन थ्रो में वर्ल्ड जूनियर मेडलिस्ट रह चुकी थीं। ताजमीन कहती हैं- ‘जब एक्सीडेंट हुआ, तब मैं ओलिंपिक की तैयारी कर रही थी। फिर सब बदल गया। एक वक्त तो ऐसा था, जब मैं सोचती थी कि काश मैं हादसे में बची ही ना होती। लेकिन ये याद रखना चाहिए कि आपकी किस्मत सिर्फ और सिर्फ आपके हाथ में होती है। मैंने भी यही सोचा और दोबारा मैदान पर उतरने की ठान ली, वो भी नए खेल के साथ।’
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2nKp5EG
via IFTTT
No comments:
Post a Comment